OTS को लोन क्लोजर तो नहीं समझ रहे हैं आप? अगर ऐसी कोई गलतफहमी है तो यहां दूर कर लें
लोन सेटलमेंट का मतलब ये नहीं होता कि आपका लोन खत्म हो गया है. लोन सेटलमेंट उधारकर्ता और बैंक के बीच निकाला गया बीच का रास्ता है.
Image- Freepik
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लोन लेने के बाद अगर उधारकर्ता लोन चुका पाने में असमर्थ हो, तो उसके पास वन टाइम सेटलमेंट (One Time Settlement- OTS) का विकल्प होता है. लेकिन इसके लिए उसे बैंक को वाजिब वजह बताकर अनुरोध करना होगा. अगर बैंक उसकी वजह को लेकर आश्वस्त है, तो बैंक की ओर से ओटीएस का प्रस्ताव दिया जा सकता है. जिसे सामान्य भाषा में हम लोन सेटलमेंट कहते हैं.लोन सेटलमेंट का फायदा ये है कि उधारकर्ता को रिकवरी एजेंसियों से छुटकारा मिल जाता है और उधारकर्ता अपने और बैंक के साथ सहमत शर्तों को मानकर ड्यू को क्लीयर कर सकता है.
लेकिन लोन सेटलमेंट का मतलब ये नहीं होता कि आपका लोन खत्म हो गया है. लोन सेटलमेंट उधारकर्ता और बैंक के बीच निकाला गया बीच का रास्ता है. सेटलमेंट के दौरान बैंक की ओर से कई तरह के चार्ज में राहत देकर एक ऐसी राशि तय कर दी जाती है, जिसमें बैंक और उधारकर्ता दोनों की सहमति हो. उधारकर्ता को उस तय राशि को एक बार में चुकाना होता है. चूंकि सेटलमेंट की इस प्रोसेस में उधारकर्ता पर काफी कुछ बकाया रह जाता है, इस कारण बैंक उसे सेटलमेंट को लोन क्लोजर नहीं मानते और उसके लोन अकाउंट में 'सेटल्ड' लिख दिया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि सेटल्ड लोन को क्लोज करना क्यों जरूरी है और इसे क्लोज कैसे किया जा सकता है.
सेटलमेंट के बाद क्यों जरूरी है लोन क्लोजर
लोन सेटलमेंट के बाद लोन की ईएमआई चुकाने के झंझट से तो राहत मिल जाती है, लेकिन आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है और अगले कुछ सालों तक लोन लेना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि लोन सेटलमेंट के आधार पर बैंक ये मानते हैं कि उधारकर्ता भविष्य में भी ऐसा कर सकता है. इसलिए अगर आपने लोन सेटल किया भी है, तो इसे क्लोज करना बहुत जरूरी है. लोन क्लोजर तब होता है जब लोन लेने वाला सभी ईएमआई को चुकाता है और उस पर बैंक का कुछ भी बकाया नहीं होता है.
लोन क्लोज कराने का क्या है तरीका
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आपने बेशक मुश्किल समय में वन टाइम सेटलमेंट का विकल्प चुन लिया हो, लेकिन आप जब भी आर्थिक रूप से सक्षम हो जाएं, तब बैंक में जाकर कहें कि लोन सेटलमेंट के दौरान जो भी बकाया है, वो सब आप भरना चाहते हैं. ऐसे में प्रिंसिपल, इंटरेस्ट, पेनाल्टी और अन्य चार्ज, जो भी माफ किए गए होंगे, आप उनका भुगतान कर दें. इसके बाद बैंक आपके लोन को क्लोज कर देगा.
लोन क्लोजर के बाद याद रखें ये बातें
जब आप अपना लोन बंद करते हैं, तो बैंक या फाइनेंशियल कंपनी की तरफ से आपको नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिया जाता है. इस सर्टिफिकेट को हर हाल में कलेक्ट कर लें. ये इस बात का प्रमाण होता है, कि आपने बैंक से ली गई रकम को पूरी तरह से लौटा दिया है.
लोन को खत्म करने के बाद आप अपना क्रेडिट प्रोफाइल अपडेट जरूर करा लें. इसको अपडेट कराना जरूरी है. ताकि सेटलमेंट के दौरान आपका जो क्रेडिट स्कोर कम कर दिया गया था, उसे फिर से ठीक किया जा सके.
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09:27 AM IST